नवजात शिशु सुरक्षा योजना राजस्थान 2021 [Navjat Shishu Suraksha Yojana Karyakram In Rajasthan In Hindi [Benefits] Kangaroo Mother Care
राजस्थान में नवजात शिशु की मृत्यु दर में काफी तेजी से इजाफा हो रहा है , जो की सरकार के लिए चिन्ता का विषय है . शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार ने एक योजना प्रारम्भ की है , जिसका नाम है नवजात शिशु सुरक्षा योजना . जैसा की हम जानते है आज कल खान – पान बहुत ही निम्न गुणवत्ता का मिलता है जिसके कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है , और गर्भवती महिला को उसकी आवश्यकतानुसार पोष्टिक भोजन नहीं मिल पाता है , और इसके फलस्वरूप महिला के गर्भ से होने वाले नवजात शिशु कुपोषण का शिकार हो जाते है . और इसी कुपोषण के कारण नवजात शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक बढ़ रही है , नवजात शिशु का वजन बहुत कम होता है या कभी – कभी समय से पहले ही बच्चों का जन्म हो जाता है जिस से नवजात शिशु की मृत्यु की संभावना अधिक बढ़ जाती है राजस्थान में शिशु मृत्यु दर 1000 जीवित शिशु पर 35 मृत शिशु है . इस योजना का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना है .
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नवजात शिशु योजना का क्रियान्वयन कैसे किया जायेगा :-
इस योजना को चलाने के लिए सरकार द्वारा 77 लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी . ये सभी ट्रेंड वर्कर्स प्रत्येक गाँव और ब्लॉक् लेवल पर जा कर लोगो में इस योजना के प्रति जागरूकता फ़ैलाने का काम करेंगे . इस योजना के अंतर्गत समय – समय पर शिशु की देखभाल एवं जांच की जाएगी . नवजात शिशु योजना को निरोगी राजस्थान योजना 2019 के अंतर्गत शामिल किया गया है .
इच्छुक लोग इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते है :-
राजस्थान राज्य के वे लोग जो इस योजना का लाभ उठाना चाहते है उन्हें नवजात सुरक्षा योजना के तहत आवेदन करना होगा . जिसके बाद आवेदन कर्ता अपने नवजात शिशु के स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी लाभ ले सकते है .
क्रमांक | परिचय बिंदु | परिचय |
1 | योजना का नाम | राजस्थान नवजात शिशु सुरक्षा योजना |
2 | किस राज्य में लागू की गयी है | राजस्थान |
3 | किसके द्वारा लागू की गयी है | श्री रघु शर्मा ( स्वास्थ्य मंत्री , राजस्थान ) |
4 | कौन इस योजना का लाभ ले सकता है | नवजात शिशु |
5 | घोषणा तिथि | 09 फरवरी 2020 |
नवजात शिशु सुरक्षा योजना का क्या उद्देश्य है :-
- मूलतः इस योजना का उद्देश्य राजस्थान में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करना है .
- इस योजना के अंतर्गत राज्य के कम वजन वाले , कुपोषित शिशु , या समय से पहले जन्मे शिशुओं को राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा लाभ प्रदान करना है .
- गर्भवती महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाला पोष्टिक आहार एवं उपचार उपलब्ध करवाना .
- यदि कोई शिशु कुपोषण का शिकार हो जाता है तो उसे उचित समय पर सही उपचार एवं देख – रेख मिल सके .
नवजात शिशु सुरक्षा योजना के लाभ क्या है
- इस योजना के द्वारा अधिक से अधिक नवजात बच्चों को कुपोषित होने से बचाया जा सकेगा .
- यदि स्वस्थ्य बच्चा होगा तो आगे भी उसका विकास सही तरिके से हो पायेगा और वो एक स्वस्थ्य जीवन व्यतीत कर पायेगा .
- इस योजना के अंतर्गत नवजात शिशु का उपचार कंगारू मदर केयर पद्धति के आधार पर किया जायेगा .
- कंगारू मदर केयर एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा नवजात शिशु का उपचार बहुत ही कम खर्च में बेहतर ढंग से किया जा सकता है .
- इस योजना के द्वारा नवजात शिशु की मृत्यु दर में कमी हो जाएगी .
कंगारू मदर केयर तकनीक क्या है :-
सभी के मन में एक सवाल आ रहा है की आखिर यह कंगारू मदर केयर क्या होता है आइये इसे जानते है , आप सभी ने कंगारू को तो देखा ही होगा , किस प्रकार वह अपने बच्चे को अपने पास रखता है , ठीक उसी प्रकार इस पद्धति में माँ अपने सीने से बच्चे को लगा कर रखेगी तो माँ के शरीर की गर्माहट से बच्चे को सुरक्षा मिलेगी . और बच्चे के शरीर का तापमान भी स्थिर रहेगा और बच्चे को बुखार आने की संभावना भी बहुत कम हो जाएगी . यह एक तरीके की स्पर्श चिकित्सा है . राजस्थान सरकार ने कंगारू मदर केयर नाम से एक कैंप चलाया है जिसके अंतर्गत शिशु का इलाज किया जाएगा है . इसमें खर्चा भी कम ही आता है . मदर केयर तकनीक का लाभ शिशु को मिल सके इसके मध्येनजर इस तकनीक को निरोगी राजस्थान के अंतर्गत शामिल किया गया है . उम्मीद है की यह तकनीक नवजात शिशुओं की देखभाल में अहम भूमिका निभाएंगी .
नवजात शिशु सुरक्षा योजना से सम्बंधित कुछ प्रश्न
प्रश्न 1 – नवजात शिशु योजना का मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर – नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करना .
प्रश्न 2 – यह योजना कहा लागू की गयी है ?
उत्तर – राजस्थान .
प्रश्न 3 – इस योजना का लाभ किसे मिलेगा ?
उत्तर – राजस्थान के नवजात शिशुओं को .
प्रश्न 4 – इस योजना में किस तकनीक का सहारा लिया जा रहा है ?
उत्तर – कंगारू मदर केयर तकनीक .
प्रश्न 5 – इस योजना की घोषणा कब व् किसके द्वारा की गयी है ?
उत्तर – 09 फरवरी 2020 को , स्वस्थ्य मंत्री श्री रघु शर्मा द्वारा .