राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन 2020 (पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड योजना, आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, लाभ) (National Digital Health Mission (NDHM) in hindi, PM Modi Health ID card)
इस कोरोनाकाल में देश में जो सबसे बड़ी समस्या सामने आई है वह है छोटे शर एवं गांवों में बेहतर स्वाथ्य सुविधा का न पहुंच पाना. यहाँ के लोगों को अपने ईलाज के लिए शहर की ओर रुख करना पड़ता है. जहाँ पर उनकी पहले की साड़ी रिपोर्ट साथ ले जाना संभव नहीं होता जिसके कारण उनके ईलाज में परेशानी होती है. इस पर विचार करते हुए मोदी ने देश में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन शुरू करने का इलान किया है. जिसके तहत देश के सभी नागरिकों को एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी. जिसमें उस व्यक्ति के स्वस्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी होगी. और इसका उपयोग फिर वे देश के किसी भी शहर में जाकर दिखाकर अपना ईलाज करवा सकते हैं. इसलिए इसे वन नेशन वन हेल्थ कार्ड भी कहा जा रहा है. इसके लाभ एवं इससे संबंधित सभी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी.

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पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड योजना लांच
योजना का नाम | नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन |
कार्ड का नाम | पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड या वन नेशन वन हेल्थ आईडी कार्ड |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
घोषणा की गई | 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर |
घोषणा की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने |
संबंधित विभाग | स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय |
पोर्टल | nha.gov.in/ |
मोबाइल एप्प | जल्द ही होगा लांच |
हेल्पलाइन नंबर | 1800-11-4477/1447 |
पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड क्या है
मोदी जी ने इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में झंडा फहराने के बाद भाषण दिया जिसमें उन्होंने नेशनल डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड की घोषणा करते हुए बताया कि अब देश में प्रत्येक नागरिक के पास उसकी एक यूनिक हेल्थ आईडी होगी. जिसमें उस व्यक्ति की जन्म से वर्तमान तक की सभी हेल्थ समस्याओं का ब्यौरा होगा. जब वे अपनी किसी बीमारी के ईलाज के लिए डॉक्टर के पास जायेंगे, और ये कार्ड दिखायेंगे तो उनकी पिछली सभी बीमारियों की बारे में डॉक्टर को जानकारी मिल जाएगी. फिर डॉक्टर उसके अनुसार उनका ईलाज करेंगे जिससे उन्हें अच्छा रिजल्ट मिलेगा.
वन नेशन वन हेल्थ कार्ड लागू करने की प्रक्रिया
हेल्थ कार्ड में सभी जानकारी पहुँचाने के लिए मोबाइल एप्प एवं ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा भी जल्द ही शुरू होगी. जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति के स्वस्थ्य एवं उसके पुराने हेल्थ रिकॉर्ड को शामिल किया जायेगा. इसे पूरी तरह से सुरक्षित रखा जायेगा ताकि किसी भी प्रकार की धोखा धड़ी न हो, यानि जब वह व्यक्ति अपनी मर्जी से डॉक्टर को अपनी जानकारी देना चाहेगा तभी डॉक्टर को उसकी जानकारी मिलेगी.
वन नेशन वन हेल्थ आईडी कार्ड से मिलने वाले लाभ
वन नेशन वन हेल्थ आईडी कार्ड को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत लागू किया जा रहा है जीके निम्नलिखित लाभ होंगे.
- यूनिक हेल्थ आईडी :- केंद्र सरकार ने वन नेशन वन हेल्थ आईडी कार्ड के जरिये देश के प्रत्येक नागरिक के लिए एक यूनिक हेल्थ आईडी प्रदान करने की योजना बनाई है. जिसमें यह सुविधा दी हुई होगी कि आपको आधार कार्ड उसके साथ लिंक कराना है या नहीं इसका आप खुद निश्चय कर सकेंगे. व्यक्ति हेल्थ आईडी में राज्य के अस्पतालों, पैथोलोजी लैब एवं फार्मा शॉप या कंपनी में भी दर्ज होगी जहाँ से उन्होंने अपना पहले ईलाज कराकर दवाइयां ली है. यह अपने अनुसार काम करेगी. इसमें एक डिजी लॉकर का निर्माण किया जायेगा जिसमें उस व्यक्ति की हेल्थ संबंधित सभी जानकारी लॉक रहेगी. और वहां से यह जनकारी सीधे ही सरकारी कम्युनिटी क्लाउड में स्टोर होगी. यह बिना किसी पेपर के एक डिजिटल रूप में काम करेगा. यदि किसी को स्वास्थ्य सेवा योजना का लाभ भी उठाना है तो वह इसका उपयोग कर सकता है. उन्हें योजना में आवेदन करते समय अपनी हेल्थ आईडी देनी होगी.
- डिजी डॉक्टर :- इसमें डॉक्टर्स को भी एक उनिक पहचान आईडी मिलेगी जोकि राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से रजिस्ट्रेशन के बाद मिलने वाली आईडी से अलग होगी. इसमें डॉक्टर के डिजिटल हस्ताक्षर भी होंगे और वे मरीज का सही ईलाज भी कर सकेंगे. डिजिटल हस्ताक्षर के लिए डॉक्टर से कुछ शुल्क भी लिया जा सकता है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यह यूजर एवं डॉक्टर दोनों के लिए पूरी तरह से निःशुल्क होगी.
- स्वास्थ्य सुविधा पहचानकर्ता :- इस योजना में चुकी मरीज एवं डॉक्टर दोनों को एक यूनिक पहचान आईडी मिलेगी, इससे मरीज की जो भी परेशानी होगी वे किसी भी डॉक्टर से अपनी परेशानी बताकर उसका ईलाज प्राप्त कर सकेंगे. अतः इस योजना के शुरू होने से देश के प्रत्येक नागरिक और डॉक्टर को एक ही प्लेटफॉर्म में लाया जा सकेगा.
प्राइवेट हेल्थ रिकार्ड्स
इस योजना में सभी मरीजों की जानकारी जोकि उनके जन्म से लेकर वर्तमान स्थिति तक की होगी, वह एक मोबाइल एप्प या ऑनलाइन वेबसाइट के जरिये इकठ्ठी की जाएगी. और साथ ही उस मरीज की पहचान आईडी को भी इसी से लिंक कर दिया जायेगा. इसलिए इसे प्राइवेट हेल्थ रिकॉर्ड कहा जा रहा है क्योकि इसमें मरीज का डेटा प्राइवेट भी रहेगा और वह उसे अपनी इच्छानुसार किसी से भी शेयर कर सकेगा. आपको बता दें इसमें एक कंसल्ट मैनेजर भी होगा. जिसका यह काम होगा कि वह डॉक्टर को मरीज की रिपोर्ट एक लिमिटेड समय तक देखने की अनुमति देगा. इसकी जानकारी मैनेजर को ऐसे होगी कि जब डॉक्टर किसी मरीज की रिपोर्ट देखेंगे तो उसका एक सिग्नल मैनेजर के पास पहुंचेगा. यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर होगा जिसमें मरीज की जानकारी मरीज की मर्जी के बिना सरकार भी नहीं देख सकेगी. अतः इसका संचालन का काम पूरी तरह से मरीज के हाथों में ही होगा, दूसरा कोई इसे देख नहीं सकता और न ही इसमें कुछ एडिट कर सकता है.
हेल्थ कार्ड योजना में शामिल होने वाले राज्य
केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को पायलट आधार पर शुरू किया है जिस तरह से वन नेशन वन राशन कार्ड को शुरू किया गया था. अतः इस पायलट प्रोजेक्ट में शुरुआत में पौंडीचेरी, अंडमान निकोबार, दादर, नगर हवेली, लद्दाख, ल्क्ष्यद्विप, चंडीगढ़, दमनद्वीप जैसे केंद्र शासित प्रदेशों को ही शामिल किया जा रहा है. सरकार ने इसके लिए इन राज्यों के संबंधित अधिकारीयों को आदेश दिया है कि वे डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों आदि की जानकारी इकठ्ठा कर उसका इस योजना में रजिस्ट्रेशन करें. यह योजना यदि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफल होती है तो इसे धीरे धीरे पूरे देश में लागू कर दिया जायेगा.
इसका योजना का लाभ कोई मरीज या डॉक्टर लेना चाहते हैं या नहीं यह भी विकल्प चुनने का अधिकार डॉक्टर एवं मरीज दोनों को दिया जा रहा है. वैसे तो सरकार ने इसे सभी के अनिवार्य कर दिया है लेकिन इसका लाभ मरीज को लेना है या नहीं यह उसी पर निर्भर करेगा.
पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड की विशेषताएं
- किसी भी व्यक्ति की उसके हेल्थ कार्ड में उसकी स्वास्थ्य की जानकारी, ब्लड ग्रुप, पिछली बीमारी एवं डॉक्टर द्वारा दिए गये दवाई एवं अन्य मर्चे की जानकारी होगी.
- यह एक यूनिक आईडी कार्ड है इसलिए इसमें आधार कार्ड की तरह ही 14 नंबर का एक यूनिक नंबर होगा.
- हेल्थ कार्ड में एक क्यूआर कोड भी दिया जायेगा, जोकि प्रत्येक कार्ड के लिए अलग होगा.
- इसे संचालित करने के लिए प्रतेक व्यक्ति का एक यूजर नाम एवं पासवर्ड होगा, इसके अलावा इसमें मोबाइल नंबर भी दर्ज करना आवश्यक है इसे ओटीपी माध्यम से सत्यापित करते हुए लॉग इन करने में मदद मिलेगी.
पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज / पात्रता
- उम्मीदवार भारत का स्थाई नागरिक होना चाहिए.
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो आदि.
पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड कैसे बनवाएं
ऑनलाइन प्रक्रिया –
- सबसे पहले आप अधिकारिक वेबसाइट पर जाइये. इसके होम पजे पर पहुँचने के बाद आपको यहाँ पर एक लिंक दिखेगी जोकि ‘क्रिएट हेल्थ आईडी कार्ड’ होगी. उस पर क्लिक करना है.
- इसके बाद आप अगले पेज में पहुँच जायेंगे. यहाँ आपको ‘क्रिएट योर हेल्थ आईडी नाउ’ की लिंक दिखाई देगी आपको उस पर क्लिक करना है.
- इसके बाद आपसे कुछ जानकारी एवं आपका आधार नंबर आदि मंगा जायेगा आपको उसे देने के बाद अपना पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड बन जायेगा.
नोट – अभी तक हेल्थ कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई हैं जैसे ही शुरू होगी आप अपना हेल्थ आईडी कार्ड बनवा सकते हैं.
ऑफलाइन प्रक्रिया – हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए आप पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर या फिर स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र में भी सकते हैं. या फिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जो कि नेशनल हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित होते हैं उनसे भी आप हेल्थ कार्ड प्राप्त कर सकते हैं.
इस तरह से मोदी जी ने देश में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है, ताकि मरीज तक सही ईलाज पहुंच सके.
FAQ
Q : प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन स्वस्थ्य से संबंधित किस योजना की घोषणा की ?
Ans : नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन.
Q : नेशन डिजिटल हेल्थ मिशन क्या है ?
Ans : यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं जिसके तहत किसी मरीज की सभी जानकारी एक जगह इकट्ठी होगी. और उसका उपयोग करटे हुए यूजर अपना ईलाज किसी भी डॉक्टर से करा सकता है. डॉक्टर को डिजिटल रूप से मरीज की पुरानी सभी जानकारी प्राप्त हो जाएगी.
Q : नेशल हेल्थ मिशन कब लांच हुआ ?
Ans : 74 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर
Q : नेशनल हेल्थ मिशन का उद्देश्य क्या है ?
Ans : छोटे शर एवं गांवों तक सभी मरीजों को बेहतर स्वस्थ्य सेवा पहुँचाना.
Q : नेशनल हेल्थ मिशन में मैं कैसे शामिल हो सकता हूँ ?
Ans : मोबाइल एप्प या ऑनलाइन पोर्टल जिसे जल्द ही शुरू किया जायेगा.
Q : नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत डॉक्टर्स को कैसे सहायता मिलेगी ?
Ans : सभी फील्ड के डॉक्टर जिनकी कोरोनाकाल में क्लिनिक बंद हो गई है जैसे कान के डॉक्टर, आँख के डॉक्टर आदि और भी उन्हें. इस मिशन के तहत उन्हें जुड़ने में सहायता मिलेगी. वे जरूरतमंद मरीजों की परेशानी सुनकर उनका रिकॉर्ड देखेंगे और उसके आधार पर उनका ईलाज कर सकेंगे.
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