मनरेगा की मजदूरी कितनी है, सूची, रेट लिस्ट 2021, राज्य के आधार पर मजदूरी, वेतन की जानकारी (Manrega ki Majduri Kitni Hai, Kya Hai, Majduri Dar, Wages State Wise Rate List in Hindi)
महामारी के समय के समय में जिस प्रकार यह मनरेगा गरीबों का सहारा बनी है। क्या आप जानते है की मनरेगा क्या है और इसमें कितनी मजदूरी मिलती है। ग्रामीण इलाकों में क्रय शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य से इस योजना का शुभारम्भ किया गया था। भारत में गरीबों को रोजगार की गारंटी देने हेतु इस योजना का शुभारम्भ किया गया है। इस योजना में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिवस के रोजगार की गारंटी दी जाती है। इस योजना में निम्न मजदूरी का भी प्रावधान है, एक निश्चित राशि से कम राशि मजदूरी के तौर पर नही दी जाती है।

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मनरेगा योजना का पूरा नाम
भारत में ग्रामीण आंचल में रोजगार की गारंटी देने वाले इस योजना का पूरा नाम ‘‘ महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम ’’ है, 2009 में इस योजना को यह नया नाम दिया गया था जबकि इसका पुराना नाम ‘‘ राष्ट्रीय गारंटी रोजगार अधिनियम ’’ था। 2006 के बाद यह योजना हाल भी चलाई जा रही है और लोगों को इस योजना तहत लाभान्वित किया जा रहा है।
मनरेगा योजना का शुभारम्भ
7 सितंबर 2005 में इस योजना का अधिनियम को विधान परिषद में पारित किया गया था और इस योजना की स्थापना 2006 में की गई थी। इस योजना के तहत पहली बार कार्य 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना का शुभारम्भ किया गया था। वर्तमान मे यह योजना पूरे देश मे लागू की गई है।
मनरेगा में कितनी मजदूरी दी जाती है
भारत की ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है जहां पर इस योजना ने लोगों के दिलों में जगह बनाये हुए है। इस योजना में मजदूरी की दर आबादी के आधार पर व भौगोलिक स्थिति के आधार पर तय की जाती है। हाल ही में मनरेगा मे मजदूरी करने वाले ग्रामीणों की मजदूरी दर मे करीबन 8 प्रतिश से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।
पूर्व में जब इस योजना का शुभारम्भ हुआ था तब इस योजना की मजदूरी दर काफी कम थी परन्तु वर्तमान में यह काफी हद्द तक ठीक है। मजदूरी तय करने के लिए अलग – अलग राज्यों में इसके तहत विभाग बने हुए है हालांकि इस योजना में मजदूरी तय करने का कार्य राज्य सरकार करती है। मनरेगा में कार्यरत लोगों के लिए राज्य द्वारा कुछ न्यूनतम दर तय की गई है। किसी भी मजदूर को इस निम्न मजदूरी की दर से कम नही दी जा सकेगी। राज्यों की न्यूनतम दर इस प्रकार है।
संघ राज्य / राज्य क्षेत्र का नाम | न्यूनतम प्रतिदिन मजदूरी दर |
आंध्र प्रदेश | 237 रुपए |
अरुणाचल प्रदेश | 205 रुपए |
असम | 213 रुपए |
बिहार | 194 रुपए |
छत्तीसगढ़ | 190 रुपए |
गोवा | 280 रुपए |
गुजरात | 224 रुपए |
हरियाणा | 309 रुपए |
हिमाचल प्रदेश | गैर अनुसूचित क्षेत्र – 198 रुपए अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र – 248 रुपए |
जम्मू और कश्मीर | 204 रुपए |
लद्दाख | 204 रुपए |
झारखंड | 194 रुपए |
कर्नाटक | 275 रुपए |
केरल | 291 रुपए |
मध्य प्रदेश | 190 रुपए |
महाराष्ट्र | 238 रुपए |
मणिपुर | 238 रुपए |
मेघालय | 203 रुपए |
मिजोरम | 225 रुपए |
नागालैंड | 205 रुपए |
उड़ीसा | 207 रुपए |
पंजाब | 263 रुपए |
राजस्थान | 220 रुपए |
सिक्किम | 205 रुपए |
तमिलनाडु | 256 रुपए |
तेलंगाना | 237 रुपए |
त्रिपुरा | 205 रुपए |
उत्तर प्रदेश | 201 रुपए |
उत्तराखंड | 201 रुपए |
पश्चिम बंगाल | 204 रुपए |
अंडमान और निकोबार | अंडमान जिला – 267 रुपए |
दादरा और नगर हवेली | 258 रुपए |
दमन और दीप | 227 रुपए |
लक्ष्यदीप | 266 रुपए |
पांडुचेरी | 256 रुपए |
यह न्यूनतम दर दिन के आधार पर दी जाती है।
मनरेगा के उद्देश्य
मनरेगा के कुछ उद्देश्य निम्न है जो इस प्रकार है –
- 100 दिवस का रोजगार – इस मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिवस का गारंटी रोजगार दिया जाता है। यह रोजगार का काम केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही दिया जाता है। यह 100 दिवस एक वित्तीय वर्ष के होते है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में उद्धार – इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिया जाता है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को रोजगार दिया जाएगा।
- संचालन – भारत मे इस योजना का संचालन भारतीय श्रम विभाग द्वारा संचालन किया जाता है।
- रोजगार उपलब्ध करवाना – इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है।
योजना के तहत कौन पा सकता है रोजगार
इस ग्रामीण लोक कल्याणकारी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र का हर वो नागरिक रोजगार पा सकता है जो आर्थिक रूप से कमजोर है। इस योजना में एक परिवार के सभी सदस्यों को कुल मिलाकर 1 वित्त वर्ष में 100 दिवस का रोजगार दिया जाता है। इस योजना के तहत रोजगार के लिए आवेदक के पास एक जॉब कार्ड का होना जरूरी होता है। यह जॉब कार्ड बनाने के लिए आवेदन को अपनी नजदीकी ग्राम पंचायत या पंचायत समिति में जाकर आपको जॉब कार्ड बनवाना होगा। इस जॉब कार्ड के बनने के बाद आप इस के लिए योग्य हो जाएंगे।
किस प्रकार आते है पैसे
इस योजना के तहत जो भी आवेदन करता है उनको 15 दिन के एक सप्ताह के हिसाब से कार्य करना होता है। 15 दिन के बाद प्रार्थी के खाते में पैसे आते है। लाभार्थी जितने भी दिन सप्ताह में भरता है उस हिसाब से प्रार्थी को निम्न मजदूरी दर के हिसाब से पैसे दिये जाते है। पैसे प्राप्त करने के लिए आवेदन का आधार कार्ड उनके बैंक खाते से लिंक होना जरूरी होता है जिसके बाद आवेदक को पैसे आधार कार्ड के हिसाब से पैसे भेज दिये जाते है।
क्या मनरेगा में हर ऋतु में काम मिलता है
इस बात का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है कि क्या हर ऋतु में इसका कार्य किया जाएगा या नहीं। हालांकि बरसात के समय मे इस प्रकार के कार्य बंद हो जाते है। सरकारी नियमों की मानें तो इस योजना के तहत एक वित्त वर्ष मे 100 दिवस का रोजगार गारंटी के साथ दिया जाता है।
इस लेख मे आपको भारत के इस कल्याणकारी कार्यक्रम मनरेगा के बारे में बताया गया है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों मे लोगों को 100 दिन का गारंटी रोजगार दिया जाता है। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा। आपके सुझावों को आप हमें नीचे कमेंट कर के बता सकता है।
FAQ
Q : मनरेगा की मजदूरी 2021 में कितनी है ?
Ans : 235 रूपये
Q : UP में मनरेगा की मजदूरी कितनी है ?
Ans : 201 रूपये
Q : राजस्थान में मनरेगा की मजदूरी क्या है ?
Ans : 220 रूपये
Q : हरियाणा में मनरेगा की मजदूरी कितनी है ?
Ans : 309 रूपये
Q : मनरेगा मजदूरी MP में कितनी है ?
Ans : 190 रूपये
Q : मनरेगा की मजदूरी कैसे मिलती है ?
Ans : सरकार लाभार्थी के बैंक खाते में पैसे जमा सकती है.
Q : मनरेगा मजदूरों के बैंक खाते में पैसे कब जमा कर दिए जाते हैं ?
Ans : उनके काम करने के कुछ दिन बात लग्बह्ग 10 से 15 दिनों के अंदर.
Q : मनरेगा में एक दिन में कितना काम करना पड़ता है ?
Ans : लगभाग 8 से 12 घंटे
Q : मनरेगा में कितने दिन का काम मिलता है ?
Ans : 100 दिन का
Q : मनरेगा का टोल फ्री नंबर क्या है ?
Ans : 1800-111-555
Q : मनरेगा की अधिकारिक वेबसाइट क्या है ?
Ans : nrega.nic.in
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