कला संस्कृति विकास योजना 2020-21 (घटक, प्रमुख बिंदु) (Kala Sanskriti Vikas Yojana in hindi, KSVY)
आज के इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी देंगे कला संस्कृति विकास योजना के बारे में। यहां बता दें कि केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय ने कला संस्कृति विकास योजना के अंतर्गत वर्चुअल/ ऑनलाइन मोडके माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रम व गतिविधियों का आयोजन करने के लिए नए दिशा-निर्देश बनाए हैं। अगर आपको नए दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी नहीं है तो आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

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संस्कृति विकास योजना के प्रमुख बिंदु
- कोरोनावायरस का प्रकोप मंचन कला और सांस्कृतिक क्षेत्रों पर काफी बड़े पैमाने पर पड़ा है। इसी कारण जितने भी कार्यक्रम इससे जुड़े हुए थे उनको या तो रद्द कर दिया गया या फिर उन्हें स्थगित कर दिया गया था। वर्तमान स्थिति में सभी संस्कृति कलाकारों और निष्पादन कलाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए कार्यक्रम प्रस्तुत करने का मौका दिया जा रहा है और इसके लिए सांस्कृतिक मंत्रालय ने काफी अधिक कोशिशें लगातार जारी रखी हैं।
- बता दें कि प्रदर्शन कला ब्यूरो यानी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कला और संस्कृति विकास योजना के अंतर्गत दूसरी कई अन्य योजनाओं की शुरुआत की है जिसके तहत अगर किसी कार्यक्रम या गतिविधि में भारी संख्या में दर्शक शामिल होंगे तो उसके लिए अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।
- वैसेबता दें कि फिलहाल उन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने की अनुमति दे दी गई है जिनमें सीमित संख्या में दर्शक हों। लेकिन वर्तमान स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कलाकारों और संगठनों के लिए यह दिशा निर्देश जारी किए हैं कि वह वर्चुअल यानी ऑनलाइन अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर सकते हैं। यहां बता दें कि यह दिशा-निर्देश केवल उनके लिए हैं जिनका अनुदान कला संस्कृति विकास योजना के अंतर्गत मंजूर हो चुका है।
- जानकारी के लिए बता दें किनए दिशा निर्देशों में यह उल्लेख किया गया है कि सभी कलाकार व संगठन बिना भौतिक मंचन कार्यक्रमों के इस स्कीम के माध्यम से फायदा हासिल कर सकेंगे ताकि वर्तमान में कोरोना के संकट के समय में उन्हें लगातार वित्तीय सहायता मिलती रहे।
संस्कृति विकास योजना की नई व्यवस्था के तहत प्रावधान
- यहां बता दें कि नई व्यवस्था के अंतर्गत जिन कलाकारों और संगठनों ने पहले ही अनुदान प्राप्त कर लिया है उनको कला व शिल्प से संबंधित वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यमों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। बता दें कि वह यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कार्यशालाएं, वेबमिनार, व्याख्यान, सह प्रदर्शन ऑनलाइन कार्यक्रम तथा त्यौहार इत्यादि को प्रस्तुत कर सकते हैं।
- इस स्कीम का फायदा लेने के लिए इसके अंतर्गत जितनी भी गतिविधियां शामिल हैं उनके लिए हार्ड कॉपी जमा करने की भी आवश्यकता नहीं है बल्कि केवल सॉफ्ट कॉपी से ही अनुदान की मंजूरी दी जा रही है।
- साथ ही बता दें कि ऐसे संगठन जो इस समय वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं तो अगर वे उस कार्यक्रम के विवरण की कोई वीडियो लिंक या फिर कोई रिकॉर्डिंग दिखा देते हैं तो उनके लिए वह एक सर्टिफिकेट की तरह कार्य करेगा जिसके लिए उन्हें प्रोग्राम या कार्यक्रम के बारे में अखबारों में छपी हुई खबरों का एकत्रीकरण करने के छूट मिल सकेगी। यहां बता दें कि कार्यक्रम के विवरण में इस बात का भी उल्लेख करना भी अत्यंत आवश्यक है कि उस कार्यक्रम की पहुंच कितने दर्शकों तक हो सकी।
- इसके अलावा यह भी जानकारी दे दें ऑनलाइन कार्यक्रम की गतिविधियों पर जो खर्च होगा उसके बारे में सारी जानकारी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेशन में बिल्कुल ठीक होनी चाहिए।
योजना से संबंधित विभिन्न अनुदान/कार्यक्रम
रिपोर्टरी ग्रांट
यहां बता दें कि इस के तहत कलाकारों के गुरु सभी आर्टिस्टो के ऑनलाइन प्रशिक्षण के अलावा सांस्कृतिक गतिविधियों का ऑनलाइन आयोजन कर सकते हैं। जानकारी दे दें कि यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के लिए हॉल, लाइट, डिजाइन, कॉस्टयूम व आर्टिस्टो के पारिश्रमिक अनुदान के लिए किराया रसीदें स्वीकार होंगी।
राष्ट्रीय उपस्थिति
इस कार्यक्रम के अंतर्गत कला व संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्यौहारों के अलावा सेमिनार आदि को भी ऑनलाइन आयोजित किया जा सकेगा। बता दें कि उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिए थिएटर, हॉल, आर्टिस्टो का पारिश्रमिक, उपकरणों की खरीद की रसीदो के अलावा जो भी उस कार्यक्रम का संचालन करने के लिए खर्च आएगा उसके लिए अनुदान दिया जाएगा।
सांस्कृतिक समारोह और उत्पादन अनुदान
इस योजना के तहत विभिन्न प्रोजेक्टों का संचालन ऑनलाइन किया जा सकता है जैसे सेमिनार, कॉन्फ्रेंस, रिसर्च, वर्कशॉप, फेस्टिवल, डांस प्रोडक्शन, संगोष्ठी, संगीत ड्रामा, थिएटर इत्यादि।यहां आपको जानकारी के लिए बता दें कि ऑनलाइन यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेशन यानी उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिए आपका जो भी खर्चा हॉल, थिएटर, कलाकारों का पारिश्रमिक, उपकरणों की खरीद इत्यादि पर आएगा और इसके अलावा कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए जो भी खर्च आएगा वह योजना अनुदान के लिए स्वीकार किया जाएगा।
हिमालयी धरोहर
इसका उद्देश्य हिमालय की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करने के अलावा उसका विकास करना है जिसके लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। यहां बता दें कि वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए ऑडियो विजुअल प्रोग्राम के द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया जा सकता है। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में जितना भी खर्च आएगा वह हिमालय स्कीम के विभिन्न घटको से जुड़ी गतिविधियों का अनुदान के लिए स्वीकृत किया जाएगा।
बौद्ध/तिब्बती
बौद्ध और तिब्बती कला का विकास करने के लिए जो वित्तीय मदद दी जाएगी उसके अंतर्गत पुस्तकों की खरीद, प्रलेखन, कैटलॉगिंग, भिक्षुओं को स्कॉलरशिप, विशेष पाठ्यक्रमों और संस्कृति की धारणा, रिकॉर्डिंग और ऑडियो वीडियो के साथ साथ मठवासियों के लिए आईटी ट्रेनिंग व शिक्षकों की सैलरी इत्यादि को ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। यहां बता दें कि यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के लिए बौद्ध स्कीम से संबंधित सभी कार्यों की गतिविधियों के लिए अनुदान जारी करने के लिए स्वीकृत किया जाएगा।
छात्रवृत्ति/फैलोशिप
भारत में छात्रवृत्ति और फैलोशिप स्कीम के तहत कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके तहत भारतीय शास्त्रीय संगीत, भारतीय शास्त्रीय नृत्य, स्वांग, रंगमंच, दृश्य कला, स्वदेशी कला, कंपनी कला और सरल शास्त्रीय संगीत में ऑनलाइन प्रशिक्षण व अनुसंधान भारत में किया जा सकता है और इसकी रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी पेश की जा सकती है।
कला संस्कृति विकास योजना मुख्य बिंदु
योजना का नाम | संस्कृति विकास योजना |
पात्रता | भारतीय संस्कृति और कला से जुड़े हुए संगठन और कलाकार |
राशि अनुमोदन | अधिकतम 5 लाख रुपए व कुछ स्थितियों में 20 लाख तक |
पहली किस्त | 75% अनुदान राशि |
दूसरी किस्त | 25% अनुदान राशि |
आवेदन | पूरा साल खुले रहते हैं |
FAQ
Q: कला संस्कृति योजना क्या है?
Ans: यह एक बहुत ही विस्तृत योजना है जिसके अंतर्गत कलाकारों और संस्थानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से कार्यक्रम आयोजन की अनुमति दी गई है जिसके लिए उन्हें अनुदान दिया जाएगा।
Q: क्या इस स्कीम का लाभ विश्वविद्यालय या कॉलेजों को भी मिलेगा?
Ans: नहीं
Q: क्या कला संस्कृति योजना के लिए कोई व्यक्तिगत रूप से आवेदन कर सकता है?
Ans: जी नहीं
Q: कला संस्कृति योजना के लिए आवेदन कहां करें?
Ans: इस योजना का लाभ लेने के लिए इस पते पर संपर्क किया जा सकता है, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र 14, सी एस पी सिंह मार्ग इलाहाबाद 211001.
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको बताया कला संस्कृति विकास योजना के बारे में। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें।
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