(रजिस्ट्रेशन) आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 2021 ऑनलाइन आवेदन, लाभ व पात्रता

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प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 2021 क्या हैं, पंजीयन आवेदन, लाभ, पात्रता, दस्तावेज atmanirbhar swasthya Bharat yojana in Hindi

हाल ही में जारी किए गए केंद्रीय बजट 2021 के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री आत्म निष्ठ स्वच्छ भारत योजना की घोषणा की है। इस योजना के लिए सभी दिशानिर्देशों को जारी करते हुए उन्होंने 6 साल की अवधि में होने वाले कार्यों के लिए 64,180 करोड रुपए घोषित किया है। कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद साल 2021 का बजट हाल ही में संसद में पेश किया गया। इस बजट को घोषित करते समय उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाने एवं प्रमुख निवेशकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस योजना पर कार्य किया जाएगा।इस योजना के लिए जारी की गई राशि के तहत अनुसंधान के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे एवं उच्च तकनीकी प्रयोगशाला स्थापित की जाएंगी ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाया जा सके। केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में इस योजना का उल्लेख करने से पहले ही यह बात बताई थी कि इस बजट की मदद से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में काफी हद तक वृद्धि की जा चुकी है और काफी हद तक जल्द ही कर ली जाएगी। मुख्य रूप से यह घोषणा और इसके अंतर्गत सरकार 3 क्षेत्रों निवारक, उपचारात्मक और कल्याण को मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।

पीएम आत्मनिर्भर स्वच्छ भारत योजना का उद्देश्य

पीएम आत्मनिर्भर स्वच्छ भारत योजना के तीन मुख्य उद्देश्य हैं जिनमें प्राथमिक माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य क्षेत्रों की क्षमताओं को विकसित करना है। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय संस्थान जो पहले से मौजूद हैं उनमें नई नई तकनीक लाई जाएंगी ताकि वह बढ़ती बीमारियों का पहले से पता लगा सके और उन्हें ठीक करने के सही उपाय खोज सकें।यह योजना मुख्य रूप से एनएचएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। साथ ही इस योजना में किए जाने वाले खर्च की मदद से राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी।

पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • इस योजना के अंतर्गत देश में मौजूद ग्रामीण एवं शहरी कल्याण केंद्रों को सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 17788 ग्रामीण एवं 11024 शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में नई तकनीक और विकास किया जाएगा।
  • देश के सभी जिलों में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और साथ ही देश के 11 राज्यों में 3382 सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना भी इस योजना के तहत की जाएगी।
  • देश के 12 केंद्रीय संस्थानों एवं 602 जिलों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लाक की स्थापना भी की जाएगी।
  • इस योजना के अंतर्गत बड़े से बड़े रोग नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय केंद्र को मजबूत बनाया जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम की निगरानी 5 क्षेत्रीय शाखाएं एवं 20 महानगरीय स्वास्थ्य इकाइयां मिलकर करेंगे।
  • इस योजना को देश के सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं से जोड़ने एवं उनको एक साथ एक प्लेटफार्म के जरिए सूचना पोर्टल के रूप में जोड़ा जाएगा ताकि सभी प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इसका क्रियान्वयन किया जा सके।
  • इस योजना के तहत 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाई योजना को क्रियान्वित करेंगे। पहले से मौजूद सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत किया जाएगा जो 11 बंदरगाह 32 हवाई अड्डे और सात लैंडिंग पर मौजूद है।
  • ऐसी योजना के अंतर्गत दो मोबाइल अस्पताल और 15 स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
  • वन हेल्थ के अंतर्गत एक राष्ट्रीय संस्थान डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफार्म साथ ही वायरोलॉजी के लिए चार क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान और नजर सुरक्षा स्तर प्रयोगशालाओं की स्थापना भी इस योजना के अंतर्गत की जाएगी।

स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्रों में खर्च

कोरोनावायरस के महा प्रकोप को देखते हुए 2021 के बजट में मुख्य रूप से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर जोर दिया गया है। साल 2020-21 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के परिवार में 82% तक की वृद्धि की गई है। साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए धनराशि में भी बढ़ोतरी सरकार की तरफ से की गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए साल 2020 21 में 65011.8 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था जिसे साल 2021-22 के बजट में बढ़ाकर 71268.77 करोड रुपए कर दिया गया है। इन सबके साथ ही स्वास्थ्य अनुसंधान के सरकारी निवेश को भी 2100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2663 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की वृद्धि की घोषणा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है कि स्वास्थ्य क्षमता को बढ़ाने और देश को स्वास्थ्य से संबंधित मजबूती देने के लिए यह कदम बेहद अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस के महामारी के खिलाफ लड़ाई प्रारंभ की तो देश में केवल एक प्रयोगशाला थी जिसका नाम था नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी जो पुणे में स्थापित है। परंतु आने वाले समय में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वच्छ भारत योजना के तहत चार नए क्षेत्रीय एनआईबी की स्थापना करने की तैयारी की जाएगी ताकि देश ऐसी बड़ी महामारी से जुड़ने के लिए हमेशा तत्पर रहें।

इस साल के बजट में सबसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार ने विचार-विमर्श किया है और जनता को ध्यान में रखते हुए बिल्कुल सही फैसले लिए हैं। देश के नागरिकों का स्वास्थ्य सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए स्वास्थ्य को महत्व देते हुए स्वास्थ्य विकास के लिए सरकार ने इस बार बहुत बड़े बड़े कदम उठाए हैं।

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